संदेश

बड़े स्तर पर मिर्च की खेती कर रहे सौरंगा गाँव के किसान अजमत अली (35 वर्ष) कहते हैं, “हमने आधा एकड़ में लहसुन व मिर्च की खेती की है जिसमें लगभग 35 हजार रुपए की लागत लगी है और इसमें हमें लागत हटाकर अब तक 30 हजार रुपए की कमाई हुई है।” अजमत आगे बताते हैं, “अगर कोई बीमारी (उकठा) का प्रकोप न हुआ तो मिर्च से लगभग 40 हजार रुपए की आमदनी और मिलने का अनुमान है। सोल्जर, गोमती, यूएस-917 जैसी किस्में इस क्षेत्र ज्यादा रोपाई की जाती है।” वहीं बेलहरा निवासी संतराम मौर्या कहते हैं, “हमने इस वर्ष एक एकड़ में मिर्च व लहसुन बोई है जिसमें हमारी लागत लगभग 75000 रुपए लगी है। अभी तक हुई आमदनी की बात करें तो लहसुन व मिर्च की सहफसली खेती से अभी तक दो से ढाई लाख रुपए की आमदनी कर चुके हैं।” भटुवामऊ निवासी बीरेन्द्र मौर्या (40 वर्ष) कहते हैं, “बाराबंकी के बेलहरा व भटुवामऊ जैसे ग्रामीण अंचलों में अब परंपरागत खेती के मुकाबले न केवल उनकी आय में इजाफा हो रहा है बल्कि आस-पास के गाँवों के किसानों का भी मन औद्योगिक खेती करने पर केंद्रित हो रहा है।”